गरीब ओर आमिर की होली Hindi Kahani

सरूर नामक गाव मे जीनी नाम के एक महिला रहती थी जीनी के पति देहांत हो गया था |तो वो मजदूरी करती थी ओर इस तरह अपनी बेटी माया को पालती थी एक दिन माया अपनी माँ से बोली माँ अगले हपते होली का त्योहार है न क्या हम रंग खरीद कर खेले  अच्छा याद दिलाया बेटा हम रंग खरीद गे, लेकिन हमारी हेसियअत नहीं है बेटा की रंगों से खेले हम उस रंग को बेच कर कुछ पैसे कामायेगे ओर उन पैसों से तुम्हारे लिए नए कपड़े खरीद दुगी |ठीक है बेटा मुझे कुछ समझ मे नहीं आ रह यही की आप क्या कह रही हो हम होली क्यू नहीं खेल सकते है बेटा होली पैसे वाले खेलते है उनके कपड़ों मे रंग लग जाए तो उन्हे फेक देते है हमारे पास दो ही कपड़े है न बेटा अगर उसमे रंग लग जाए तो हम बाहर कैसे जायेगें बेटा इसलिए होली मे रंग बेचेंगे बात आई समझ मे समझ गई माँ आप जैसे कहती हो हम वेसे ही करेगें |

गरीब ओर आमिर की होली Hindi Kahani
गरीब ओर आमिर की होली Hindi Kahani

Hindi Kahani

होली एक दिन पहले जीनी ओर माया फुट पात रंग की दुकान लगा कर बैठे थे तभी वहा एक बड़ी सी गाड़ी आ कर रुकी धनवान अपनी पत्नी ओर बेटे के साथ उतरा वे तीनों माया के पास आए रोशन माया को देख कर बोल की हे माया तुम स्कूल क्यू नहीं आए अब मै समझा कल के होली के लिए रंग बेच रहे हो |तुम्हें इसकी क्या जरूरत पड़ गई मै अपने दोस्तों के साथ साथ तुम्हें भी अपने घर होली खेलने के बुला रहा था चलो कोई बात नहीं अब तुम कल मेरे घर होली खेलने आ जाना , रहने दो रोशन अगर मेरे कपड़ों मे रंग लग जाएगा तो मै कल स्कूल भी नहीं आ पाउगी |

रोशन कुछ कहने वाला था उसके पापा बोले की एक एक रंग कितने का है तो माया की माँ बोली 20 ग्राम के 100 रुपए है साहब क्या 100 रुपए मे 50 रुपए देगे सब रंग दे दो ,उसकी माँ बोलती है अगर 50 रुपए करके बेचेगे तो हमे क्या बचेगा साहब ओर बोली ठीक है साहब ओर सारे रंग पेक कर दिया ओर ये सब देख कर रोशन बहुत दुखी हुआ धनवान के परिवार एक से होटल गए बहुत किस्म के महगे खाना खाए ओर धनवान ने वेटर को 200 रुपए का टिप दिया रोशन को ओर गुस्सा आया |

अगले दिन रोशन अपने दोस्तों के साथ बाहर मे होली खेल रहा था dj के गाने पर नाच रहे थे रोशन अपने बेड रूम मे उदास बैठा था नवदीप ओर दीपिका उसके पास आए क्या हुआ बेटा तुम उदास क्यू बैठे हो इस होली कई दिनों से इंतजार कर रहे थे ओर आज जब हम इतने धूम धाम से होली माने रहे है तो तुम अपने बेड रूम मे बैठे हो बाहर आओ बेटा वेसे हुआ क्या |

गरीब ओर आमिर की होली

आप जो होली खेल रहे हो आपको ये रंग कहा से मिला एक गरीब परिवार से जब्रजस्ती खरीद कर लाए हो ओर जब आप होटल मे आप कोई जब्रजस्ती नहीं किया बिल भरा ओर ऊपर से 200 सो रुपए वेटर को टिप भी दिया ओर dj woofer सब का इंतजाम किया ओर हजारों रुपए खर्च किया जरा अप सोचिए तो क्या अपने न्याय किया है |

होली एक ऐसा त्योहार है जो आमिर ओर गरीब सब मिल कर खेलते है मुझे ऐसा होली नहीं खेलना है इसमे श्रीफ हम खुशिया मनाए उसकी ये बात सुन कर नवदीप ओर दीपिका सरमिंदा हुए नवदीप अपना कर लेकर जीनी के झोपड़ी के पास गया ओर उन दोनों को कर मे बैठा कर अपने घर ले आया उन्हे रोशन देख कर बहुत खुश हुआ सबने मिलकर बड़े धूम धाम से होली खेला उस दिन शाम को दीपिका ने जीनी ओर  माया को नए कपड़े दिए आज मुझे पता चला की तुम मेरे बेटे के बेस्ट फ्रेंड हो इतनी छोटी सी उम्र इतनी बड़ी सोच इसका कुछ हक तुम्हें भी जाता है रोशन जितना पढ़ाई करेगा इतना तुम्हें भी पढाउगा ओर तुम्हारी माँ को अपने घर अच्छी नौकरी दूंगा तब तुम्हें पैसों की चिंता नहीं होगी जीनी ओर माया ने उन्हे प्रणाम किया ये सब देख कर रोशन बहुत खुश हुआ तब से रोशन ओर माया खूब धूम धाम से होली मनाने लगे     

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